google.com, pub-4122156889699916, DIRECT, f08c47fec0942fa0 https://www.bing.com/webmasters?tid=56256cd2-0b6b-4bf5-b592-84bcc4406cf4 google.com, pub-4122156889699916, DIRECT, f08c47fec0942fa0 मेहनत ही सफलता की कुँजी है ? google.com, pub-4122156889699916, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Verification: 7f7836ba4c1994c2

मेहनत ही सफलता की कुँजी है ?

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मेहनत ही सफलता की कुँजी है ?


            एक समय की बात है एक जंगल में एक तालाब के किनारे बहुत सारे मेंढक रहते थे एक बार वे किसी दूसरी जगह पर जाने के लिए एक रास्ते से जा रहे थे 

वे सब आपस में बाते करने में बहुत ही मशगूल थे तभी उनमे से  दो मेंढक एक गडढे  में गिर गए | दूसरे मेंढकों ने देखा कि उनके दो साथी गडढे में गिर गए तो वे भागने लगे | गडढा बहुत गहरा था इसलिए बाकी साथियों को लगा कि अब इनका बाहर आना मुश्किल है |         

              बाहर वाले मेंडकों ने कहा बस अब तुम अपने को मरा हुआ मान लो | इतने गहरे गडढे से बाहर आना मुश्किल है | 

दोनों मेंढ़कों ने उनकी बात अनसुनी करदी और बाहर आने के लिए कूदने लगे |  बाहर खड़े मेंढ़को ने चीखकर कहा बाहर निकलने की कोशिश करना बेकार है अब तुम बाहर नहीं आ पाओगे |  थोड़ी देर तक कूदा - फांदी करने के बाद भी दोनों बाहर नहीं आ पाए | 

तब एक मेंढक ने आस छोड़ दी और वह गडढे में और  नीचे लुढ़क  गया | नीचे लुढ़कते ही वह मर गया |  

              जबकि दुसरे मेंढक ने कोशिश जारी रखी और अंततः उसने अपना पूरा जोर लगाकर एक छलांग मारी और वह गडढे से बाहर आ गया | जैसे ही वह बाहर आया बाकि मेंढकों ने उससे पूछा, " जब हम तुम्हे कह रहे थे कि अब तुम्हारा बाहर आना मुश्किल ही नहीं असंभव है फिर भी तुम छलांग मारते रहे, क्यों ? इसपर उसने जवाब दिया , " दरअसल, मैं  थोड़ा ऊँचा सुनता हूँ और जब मैं छलांग लगा रहा था तो मुझे लगा कि आप मेरा हौंसला बढ़ा रहे हैं | 

इसलिए मैंने कोशिश जारी रखी और देखो, "मैं बाहर आ गया" | 

             मेंढक की तरह हमें भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और आखिरी साँस तक कोशिश करनी चाहिए |  तभी सफलता हमारे कदम चूमेगी |  

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