google.com, pub-4122156889699916, DIRECT, f08c47fec0942fa0 https://www.bing.com/webmasters?tid=56256cd2-0b6b-4bf5-b592-84bcc4406cf4 google.com, pub-4122156889699916, DIRECT, f08c47fec0942fa0 नजर जल्दी लगती है तुम्हें? google.com, pub-4122156889699916, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Verification: 7f7836ba4c1994c2

नजर जल्दी लगती है तुम्हें?





नजर जल्दी लगती है तुम्हें ?




         आसमान तारों से भरा हुआ था | मैं बाहर का दृष्य देख रही थी चरों और सुनसान रात का सन्नाटा और कंही दूर से जंगली जानवरों की करकस आवाज मेरे कानों में गूंज रही थी | 

मेरे आस -पास बिस्तर पर किताबें बिखरी पड़ी थी नैना एक -2 करके सब किताबों को खोलती और बंद करती है | उसका एक दोस्त है , जब मन शान्त हो तो सारे बादल उधर बरस जाते हैं | लेकिन जब मन बेचैन हो तो तब अचानक से माँ की याद आती है | 









         पति की शिकायत करनी हो , बच्चों की कोई चिउँटा जतनी हो या पेट का दर्द हो।  ( वह जानती थी की उसके लम्बे पेट का दर्द उसकी उदासी होती है) उनको कँहा और कब खुद की पीठ थपथपाना | 

अगले दिन वह(नैना ) अपनी अलमारी खोलती है और एक साड़ी निकालती है ये उकी दी हुई आखरी साड़ी है | भाई की शादी में उसका बस नौलखा हार बनवा देती | उसी समय यह साड़ी ली थी | 


     यादेँ कितनी समृद्व होती हैं, "कि जैसे समय खड़ा सा हो गया हो, और अम्मा मेरे बाल सहला रही और मुझसे कह रही है कि और पैसे लेकर मैचिंग चूड़ियां ले लेना | 


      नैना अपने मायके में शादी के कार्यक्रम में आई है, "माँ ने कहा दिन में आराम करलो, क्योंकि बारात में नाचना भी तो है|" नैना अपने हाथ की हथेली को सहला रही होती है, तभी माँ की आवाज सुनाई देती है ढोलक ज्यादा बजने से दर्द हो रहा होगा | अम्मा जितनी बार मेरी उदासी का अंदाजा लगाती है, मेरा पैर दर्द उतना बढ़ जाता है |    


      अम्मा जानती थी रात के किसी भी पहर रोती हुई उनके बिस्तर में घुसूंगी और अम्मा तभी लालटेन उठा कर गमछा से पेट सेंकेगी और बड़बड़ाती हुए कहेंगी, "नजर बहुत लगती है तुम्हें |" 

      दर्द पेट से होता हुआ दिल के रास्ते आँखों तक आ जाता है | बनारसी साड़ी से यादों का सिलसिला वही मुस्कराता धुआँ उठता है (बनारसी सदियों से तुम्हारा संदूक भर देंगे), अब क्या करना साड़ी का फ़ोन के उस पार तुम होती तो आज भाई की शादी में कोई शिकायत ही कर लेती | अब भला  कँहा  हो तुम? पर पेट दर्द तो हो रहा है......... 







       जब माता -पिता हमारे से दूर चले जाते हैं तब हम्हें उनकी वैल्यू (कीमत) पता चलती है - इसलिए हम सभी को अपने माता -पिता का सम्मान करना चाहिए | 

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