google.com, pub-4122156889699916, DIRECT, f08c47fec0942fa0 https://www.bing.com/webmasters?tid=56256cd2-0b6b-4bf5-b592-84bcc4406cf4 google.com, pub-4122156889699916, DIRECT, f08c47fec0942fa0 उदास गीतों में खुशियोँ का एहसास? google.com, pub-4122156889699916, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Verification: 7f7836ba4c1994c2

उदास गीतों में खुशियोँ का एहसास?


उदास गीतों में खुशियोँ का एहसास?



रात का समय सर्दियों के दिन थे नदी के पानी की कलकल की सरसराहट दूर तक सुनाई दे रही थी सब लोग शाम होते ही खाना जल्दी खाकर अपने घरों में सो गये थे दूर कंही किसी कुत्ते भोंकने की आवाज रुकरुक कर कानों में सुनाई देती | यह एक छोटा सा गांव जो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है | 

पहाड़ी वादियां देखने में कितनी सुन्दर लगती हैं | मैं बात कर रहा हु उत्तराखंड के एक पहाड़ी गांव की | उत्तराखंड को लोग पौड़ी गढ़वाल के नाम से भी जाना जाता है | यह गांव पिथौरागढ़ जिले में पड़ता है और यंहा की आबादी कुल मिलाकर बीस - पचीस घर होंगे | इसी गांव में एक परिवार रहता था जो ब्याह शादी में ढोल , नगाड़े और बीन बजाते थे | read more....

pahadi gaon


यँहा की परंपरा के हिसाब से यह यन्त्र काफी समय से बजाये जाते थे | यह इलाका शहर से दूर होने के कारण लोग आधुनिक यंत्रों से परीचित नहीं थे | उस परिवार में एक लड़का था जिसकी उम्र लगभग १५-१६ साल थी वह जब भी घर से पानी लेने के लिए निकलता तो उदासी भरे गीत  गाता हुआ चलता तो ऐसा लगता कि चारों और से घिरे हुए गांव में आसमान से रंग उतर रहे हों | 

वह तीन भाई - बहन थे दो बहनें और एक भाई , उसका नाम माँ - बाप ने बुदू रखा था | गांव में पानी का एकमात्र स्रोत नदी और झरना होता था ,  उन दिनों इसके इलावा और कोई विकलप नहीं था | बुदू एक आम इंसान था परन्तु उसके पास सिर्फ एक सुन्दर आवाज थी सब लोगों को उसकी आवाज बहुत पसंद थी कुछ लोग उसको अभिशप्त मानते थे | क्योंकि वह सदा उदासी भरे गीत ही गाता था | 


गांव में बच्चों की शादियाँ जल्दी कर देते हैं ऐसे ही बुदू की शादी भी 18 साल की उम्र में कर दी थी | जिससे उसकी शादी  हुई उसकी उम्र महज 15 - 17 साल मुश्किल से होगी | जब बारात वापिस दुल्हन को लेकर  आई तो बच्चे हवा की रफ़्तार से भागते गांव में पहुंचे और बारात की इन्तजार करती औरतोँ ने जब यह सुना कि दुल्हन तो एकदम परी (अप्सरा) है तो उनको बहुत जलन हुई , होती भी क्यों ना औरतें जो ठहरी |  बुदू अभी भी अपने वही पुराने उदासी से भरे हुए गाने गाता | 

hills village


उसकी शादी को तक़रीबन 2 साल हो गए होंगे तब उनके घर एक सुन्दर सी नन्ही परी ने जन्म लिया |  परिवार में सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था कि अचानक एक दिन बुदू की पत्नी पेड़ से लटककर खुद को फांसी लगा ली |  उसके मायके वालों ने बुदू और उसके पिता पर पुलिस केस  कर दिया और पुलिस ने  दोनों  बाप - बेटे को जेल में बंद कर दिया |  कुछ दिनों के बाद उनकी नन्ही सी परी भी इस दुनिया को अलविदा कह गई | 

कई सालों के बाद दोनों बाप - बेटा जेल से छूट कर घर आ गए , मगर बुदू अपनी पत्नी के गम में पागल हो गया | उसमे पहले जैसा कुछ भी बाकी नहीं रहा सिवाये उनकी आवाज के |  वह अब भी गाना गाते , मगर अब कोई उनको अभिसप्त नहीं मानता |  वह अपनी छत पर बैठे हुए आसमान को ताकते , कुछ गुनगुनाते | अब सब लोग उससे हमदर्दी रखते मगर क्या फायदा | क्योंकि उसको तो अब कुछ भी समझ नहीं थी | 

दोस्तों | अगर आप किसी को अच्छा नहीं दे सकते तो आपको कोई हक़ नहीं किसी का बुरा सोचने का | अगर आपका जमीर इज्जाजत देता है किसी की मदद करने की तो करो मगर उसको इसका अहसास मत करवाओ |  




    


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ